समार्टफ़ोन खरीदने से पहले आप इन सभी बातों को जरुर जाने
स्मार्टफ़ोन और उनके अनोखे फीचर
नया स्मार्टफोन खरीदने से पहले प्रोसेसर, रैम, ओएस, स्क्रीन साइज, कैमेरा जैसी और कई सारी बातो को ध्यान में रखा जाता है| अगर आप नया स्मार्टफोन खरीदने का मन बना रहे है तो आपको निश्चित रूप से निचे दिए गए टेक टर्म को पढ़ना चाहिए| यहाँ स्मार्टफोन के फीचर का का एक पूरा गाइड है।
1) 1) NETWORK Technology:
सेलुलर नेटवर्क या मोबाइल नेटवर्क यह मोबाइल कम्युनिकेशन नेटवर्क है। मोबाइल फोन में निम्न नेटवर्क टेक्नोलॉजी होती है –
i) CDMA:
सीडीएमए (Code Division Multiple Access) टेक्नोलॉजी बेसिक टेक्नोलॉजी है जो युएस में जादा इस्तेमाल होती है| सीडीएमए अन्य नेटवर्क में कम इंटरफेस करता है और इसमें कइ युजर एक साथ बात कर सकते है, जो एक ही फ्रीक्वेंसी को शेयर करते है| यह अतिरिक्त सिंग्नल नॉइस को कम करने के लिए जादा पावर लेता है जो बैटरी लाइफ को कम करती है| सीडीएमए हैंडसेट अक्सर एक ही कैरियर के लिए लॉक होता है और यह ट्रांसफर नही हो सकता|
ii) GSM:
जीएसएम (Global System for Mobile communication) यह डिजिटल मोबाइल टेलीफोन सिस्टम है जो युरोप और दुनिया के अन्य भागों में इस्तेमाल कि जाती है| जीएसएम फोन अनलॉक कर सकते है और यह एक कैरियर से दुसरे कैरियर में ट्रांसफर हो सकता है| 2 जी सेलुलर नेटवर्क कमर्शियली जीएसएम स्टैंडर्ड पर लांच हुआ है, और इसका थ्योरेटिकल ट्रांसफर स्पीड अधिकतम 50 kbit/s है|
iii) LTE:
एलटीई (Long-Term Evolution) 4G वायरलेस ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी है जिसे Third Generation Partnership Project (3GPP) ने डेवलप किया है| 4G LTE को मोबाइल फोन और डेटा टर्मिनल के लिए हाई स्पीड डेटा का स्टैंडर्ड वायरलेस कम्युनिकेशन है| इसका अधिकतम डाउनलोड स्पीड 299.6 Mbit/s और अपलोड स्पीड 75.4 Mbit/s है जो मोबाइल के इक्विपमेंट कैटेगरी पर आधारीत होता है।
iv) EDGE:
जीएसएम इवोल्यूशन के लिए एनहांस्ड डेटा रेट EDGE या (Enhanced GPRS (EGPRS), या Enhanced Data rates for Global Evolution) यह डिजिटल मोबाइल फोन टेक्नोलॉजी है जो जीएसएम की तुलना में अधिक बेहतर डेटा ट्रांसफर रेट देता है| आउटडेटेड जीपीआरएस सिस्टम से एज लगभग तीन गुना स्पीड प्रदान करता है। ऐज ब्रॉडबैंड ऐप्लीकेशन, जैसे टेलीविजन, ऑडियो और वीडियो स्ट्रीमिंग मल्टीमीडिया को मोबाइल फोन पर 20Kbps से 384Kbps के स्पीड से ट्रांसफर कर सकता है|
V) HSPA:
HSPA +, या विकसित हाई स्पीड पैकेट एक्सेस को व्यापक रूप से WCDMA (UMTS) बेस 3G नेटवर्क पर इस्तेमाल किया जाता है जो नए एलटीई नेटवर्क से तुलना करता है| HSPA+ हाई स्पीड पैकेट एक्सेस को प्रोवाइड करता है और हाइ एंड मोबाइल फोन पर प्रति सेकंड 168 (Mbit/s) डेटा डाउनलोड और 22 Mbit/s के स्पीड से अपलोड कर सकता है|
नेटवर्क टेक्नोलॉजी को सिलेक्ट करते समय यह ध्यान रखें कि, कौनसा कैरीअर आपके एरिया मे उपलब्ध है और किसका कवरेज अच्छा है|
2) Screen Type:
मोबाइल फोन में कई डिस्प्ले के टाइप युज होते है, और इसके कई अलग अलग विकल्प उपलब्ध है|
i) TFT-LCD:
टीएफटी एलसीडी (Thin-film transistor liquid crystal display) इमेज क्वालिटी रिस्पांस टाइम के मामले में सबसे अच्छा लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले टेक्नोलॉजी है| लेकिन यह अधिक बिजली की खपत करता है और अधिक महंगा है।
ii) IPS-LCD:
IPS (In-plane switching) यह एक स्क्रीन टेक्नोलॉजी है जिसे liquid crystal displays (LCDs) के लिए इस्तेमाल किया जाता है| इसमे TFT-LCDs की तुलना में बेहतर व्यूइंग एंगल और एक्यूरेट कलर है, लेकिन इसे जादा पावर की जरूरत होती है|
3) Touchscreen:
i) Resistive Touchscreen LCD:
रिज़िस्टिव टचस्क्रीन पैनल में कइ लेयर्स होते है, जिनके बिच में एक पतली जगह होती है| जब फिंगर टिप या स्टाइलस टिप से इसके सरफेस पर प्रेस किया जाता है तब यह दो लेयर एक पॉइंट पर कनेक्ट होते है| इस पॉइंट को मोबाइल फोन एक एक्शन के रूप में लेता है|
ii) Capacitive Touchsceen LCD:
कैपेसिटिव टचस्क्रीन मानव शरीर के इलेक्ट्रिकल प्रॉपर्टीज के सेंसिंग से काम करता है| कैपेसिटिव टचस्क्रीन पैनल में इंडियम टिन ऑक्साइड के ट्रांसपरंट कंडक्टर होता है| ह्यूमन बॉडी में भी इलेक्ट्रिकल कंडक्टर होता है, जिससे स्क्रीन को टच करने सें इलेक्ट्रोस्टेटिक फील्ड डिस्टोर हो जाता है और वह पॉइंट इन्स्ट्रक्शन के रूप में लिए जाता है|
कैपेसिटिव टचस्क्रीन, रिज़िस्टिव टचस्क्रीन से काफी बेहतर है|
iii) OLED:
OLED का मतलब Organic Light-Emitting Diode
OLED में आर्गेनिक पॉलीमर के छोटे डॉट्स होते है जो इलेक्ट्रिसिटी से चार्ज होने के बाद लाइट को उत्सर्जीत करते है| OLED नइ डिस्प्ले टेक्नोलॉजी है, जो एलसीडी के मुकाबले कम पॉवर लेती है और यह पतली, हल्की, बेहतर व्यूइंग एंगल और वीडिओ और एनीमेशन के लिए अच्छा रिस्पांस टाइम है|
iv) AMOLED:
AMOLED एक्टिव मैट्रिक्स ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड है। यह मोबाइल फोन और टीवी के लिए नेक्स्ट जनरेशन डिस्प्ले टेक्निक है| यह एलसीडी की तुलना में रिच कलर, शार्पर इमेज, कम पॉवर कन्जूमशन और अधिक पतली और हल्की है|
v) Super AMOLED:
सुपर AMOLED को पारंपरिक AMOLED के मुकाबले बेहतर परफॉरमेंस हे लिए तैयार किया गया है| AMOLED की तुलना में सीधे धूप में देखे जाने पर सुपर AMOLED का परफॉरमेंस अच्छा है और यह ब्राइट इमेज को सपोर्ट करता है और पॉवर कम लगती है|
4) Gorilla Glass:
गोरिल्ला ग्लास Corning द्वारा विकसित और निर्मित एक विशेष मजबूत गिलास है| गोरिल्ला ग्लास में एक विशेष अल्कली अलुमिनोसिलिटेड ग्लास शील्ड होता है जो डैमेज रेजिस्टेंस है| यह मोबाइल हैंडसेट्स के डिस्प्ले को स्क्रैचेस, ड्रॉप्स और एक्सीडेंट्स से प्रोटेक्ट करता है|
5) Resolution:
डिजिटल टीवी, कंप्यूटर मॉनिटर या मोबाइल हैंडसेट्स का डिस्प्ले रेजोल्यूशन, हर डाइमेंशन में शामिल विशिष्ट पिक्सल की संख्या होती है|
मोबाइल स्क्रीन पर बनी हर इमेज कइ छोटे डॉट्स से बनती है जिन्हे पिक्सेल कहा जाता है| अगर पिक्सेल की संख्या अधिक होगी तो इमेज भी अधिक स्पष्ट होगी| आमतौर पर स्क्रीन रेजोल्यूशन width × height में मापा जाता है| उदाहरण के लिए, "1024 × 768" का मतलब है चौड़ाई 1024 पिक्सल और ऊंचाई 768 पिक्सल।
सबसे आम डिस्प्ले रेजोल्यूशन -
VGA (Video Graphics Array) - 640×480
SVGA (Super Video Graphics Array) - 800x600
QVGA (Quarter Video Graphics Array) - 320×240
WQVGA (Wide QVGA) - xxx×240
HVGA (Half VGA) - 480×320
WVGA (Wide VGA) - xxx×480
FWVGA (Full Wide Video Graphics Array) - 854x480
Quarter HD or qHD - 960×540
XGA (Extended Graphics Array) - 1024x768
SXGA (Super Extended Graphics Array)) – 1080 x 1024
WXGA (Wide Extended Graphics Array) - 1366x768
HD (High Definition) – 1360 x 768
HD+ (High Definition) – 1600 x 900
Full HD (High Definition) - 1920x1080 pixels
Hd ready (720x1280)
Quad HD (1440x2560)
Ultra HD 4K (3840x2160 pixels)
6) Screen Size:
मोबाइल सेल फोन के स्क्रीन का आकार उसके डिस्प्ले स्क्रीन के डायगोनली मापते है, जिसे स्क्रीन के बॉटम लेफ्ट कार्नर से टॉप राइट कार्नर तक मापा जाता है|
7) Dual SIM:
i) Dual Standby:
Dual SIM Dual Standby (DSDS) मतलब यह फोन डुअल सिम को सपोर्ट करता है, लेकिन स्टैंडबाई मोड में| इसका मतलब है, जब कोइ भी सिम उपयोग में नहीं है, तब दोनो सिम एक्टिव होते है, लेकिन जब एक सिम कॉल में होता है तब दुसरा सिम इनएक्टिव हो जाता है और इस दुसरे सिम पर कोइ कॉल आएगा तो उसे “not reachable” का मैसेज सुनाइ देगा|
यह फोन बैटरी की पॉवर कम इस्तेमाल करते है, क्योकी वे दोनो सिम के लिए एक ही ट्रांसीवर का उपयोग करते है|
ii) Dual Active:
डुअल सिम एक्टिव फोन में दो ट्रांसीवर होते है और उनमें एक साथ दोनो सिम पर कॉल को रिसीव किया जा सकता है| लेकिन वे बैटरी की जादा पॉवर लेते है|
8) Multi touch:
मल्टी-टच दो या अधिक फिंगर से एक ही समय में स्क्रीन पर इनपूट दिया जा सकता है| इससे आप दो फिंगर से ज़ूम इन या ज़ूम आउट कर सकते है|
9) Chip-set:
चिपसेट इंट्रीग्रेटेड सर्किट में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का सेट होता है, जो प्रोसेसर, मेमोरी और अन्य बाह्य उपकरणों में डाटा फ्लो को मैनेज करता है| सभी मोबाइल हैंडसेट्स चिपसेट पर रन होते है, जिन्हे एक या कुछ डेडिकेटेड फंक्शन्स परफॉरम करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है|
आज के स्मार्टफोन मीडियाटेक और क्वालकॉम इन दो चिपसेट का उपयोग सबसे जादा होता है| मीडियाटेक सेमीकंडक्टर बनाने वाली एक ताइवानी कंपनी है| मीडियाटेक ने डुअल-कोर, क्वाड-कोर, ऑक्टा-कोर और 64 बिट ऑक्टा-कोर प्रोसेसर के लिए विभिन्न चिपसेट लॉन्च किए है| जबकि क्वालकॉम ने system-on-chip (SoC) सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट डिज़ाइन किया, जो स्नैपड्रैगन के नाम से जाना जाता है| एक स्नैपड्रैगन SoC में मल्टी-कोर सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU), ग्राफ़िक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU), वायरलेस मॉडम और अन्य सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर शामिल होते है, जो स्मार्टफोन के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS), कैमेरा, जेस्चर रिकग्निशन और वीडियो को सपोर्ट करते है|
10) CPU:
सीपीयू याने सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट, जो स्मार्टफोन का दिमाग होता है। आज के स्मार्टफ़ोन और अधिक उन्नत सीपीयू के साथ लैस होते है और वे एक ही समय में कई अलग अलग टास्क कर सकते हैं| मोबाइल प्रोसेसर सिंगल कोर से शुरू होकर अब डुअल-कोर, क्वाड-कोर, ऑक्टा-कोर और 64 बिट ऑक्टा-कोर प्रोसेसर तक आ गया है| अधिक कोर की संख्या याने मोबाइल मे आसान मल्टीटास्किंग| इसके अलावा यह मोबाइल में सुचारू रूप सें वीडियो और गेम को रन करते है| यही कारण है, कि आप अगर स्पीड देख रहे हैं, तो जादा मल्टी-कोर प्रोसेसर का चुनाव करें|
64 बिट प्रोसेसर का मतलब है कि प्रोसेसर फोन में ज्यादा रैम, ज्यादा मेमोरी और बेहतर कैमरा फीचर्स सपोर्ट कर सकता है और इससे बेहतर बैटरी बैकअप भी मिलता है।
11) GPU:
GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) मदरबोर्ड को अगल से जुड़ा हुआ होता है। इसे खासकर वीडियो और ग्राफिक्स का परफॉरमेंस बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, खासकर 3 डी गेमिंग के लिए| अगर आप हेवी गेम्स या हाइ ग्राफिक्स की आवश्यकता वाले ऐप्स युज करना चाहते है, तो आप अपने स्मार्टफोन के लिए जादा पावरफुल GPU चुनाव करना चाहिए|
12) GPS:
जीपीएस, या ग्लोबल पोजीशनिंग सैटेलाइट, यह एक सैटेलाइट बेस्ड नेविगेशन सिस्टम है जिसे पृथ्वी के किसी भी स्थान का सटीक लोकेशन और समय की जानकारी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है| यह सिस्टम युएस गवर्नमेंट द्वारा मेंटेन किया जाता है और यह किसी को भी फ्री में जीपीएस रिसीवर से एक्सेस होता है| जीपीएस डिवाइस और एप्लिकेशन से आप कहीं भी नेविगेट कर सकते है| इसके साथ आप अपने खोए स्मार्टफ़ोन को ट्रैक कर सकते है और अपने परिवार के मेंबर के लोकेशन को चेक कर सकते है|
13) A-GPS:
ए-जीपीएस याने असिस्टेड ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम| यह भी जीपीएस के प्रिंसिपल पर ही काम करता है, लेकिन यह जीपीएस के स्टार्टअप परफॉर्मेंस में सुधार करने में सक्षम है| यह मोबाइल नेटवर्क जैसे नेटवर्क रिसोर्सेज की मदद से सैटेलाइट के जानकारी प्राप्त करता है| इससे तेजी से लोकेशन की जानकारी, कम पावर की आवश्यकता और बैटरी की लाइफ सेव होती है|
14) Camera:
सेल फोन में कैमरे हर दिन बेहतर और बेहतर होते जा रहे है। अब इसमें कई विशेषताएं शामिल हैं और इन्हे आपके स्मार्टफोन के स्पेसिफिकेशन में होना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है
i) Megapixels:
मेगापिक्सेल (MP) को एक लाख पिक्सल के रूप में परिभाषित किया गया है। सैद्धांतिक रूप से, स्मार्टफोन हैंडसेट्स के कैमरा में अधिक मेगापिक्सल की संख्या याने वह अधिक बेहतर गुणवत्ता के इमेज कैप्चर करेगा| लेकिन यह हमेशा सच नहीं हाता, क्योकी यह कैमेरे की लैंस पर आधारीत होता है।
ii) Geo-Tagging:
जियो-टैगिंग का फीचर आपको फोटोग्राफ के साथ जिओग्राफिकल मेटाडेटा शामिल कर सकते है| इसमे अक्षांश और देशांतर निर्देशांक, बेअरिंग, डिस्टेंस और जगह का नाम जैसी जानकारी शामिल है |
iii) Face Detection:
फेस डिटेक्शन यह एक टेक्नोलॉजी है, जिसमें कैमेरा ह्यूमन फेस को ऑटोमेटिकली लोकेट करता है|
15) Sensors:
मॉडर्न मोबाइल हैंडसेट्स में कई सेंसर होते है, जो हमारे डेली काम को ऑटोमेटिक या आसान बना देते है -
i) Accelerometer:
मोबाइल का ऐक्सेलरोमीटर अपने ही ऐक्सेलरेशन को डिटेक्ट करता है और हैंडसेट्स के ओरिएंटेशन का पता लगाता है| इसके बाद मोबाइल ऐप्लीकेशन इसके अकॉर्डिंग रीएक्ट करता है| जैसे स्क्रीन रोटेट होने पर पोर्ट्रेट से लैंडस्केप हो जाता है|
ii) Gyroscope:
जाइरोस्कोप एक डिवाइस है, जो ओरिएंटेशन को समझने के लिए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करता है| इसे हाइ एंड स्मार्टफोन में 3 डी गेमिंग और V.R. (Virtual Reality) (आभासी वास्तविकता) के लिए इस्तेमाल किया जाता है|
iii) Proximity Sensor:
प्रोक्सिमिटी सेंसर आमतौर पर जब आप हैंडसेट्स को कॉल के दौरान अपने सिर के पास लाते है, तब स्क्रीन को बंद कर देता है, जिससे आप गलती से कोइ बटन ना प्रेस कर दें|
16) mAh:
mAh (milli-Ampere-hours) इलेक्ट्रीक पावर को समय के साथ मापने को एक युनिट है| यह मोबाइल की बैटरी में एक बार स्टोर एनर्जी है| जादा mAh आपके मोबाइल को लंबे समय तक पावर देगा|
i) Li-Po:
लिथियम पॉलीमर बैटरी, या लिथियम आयन पॉलीमर बैटरी यह लिथियम-आयन टेक्नोलॉजी के लिए रिचार्जेबल बैटरी है।
ii) LI-Ion:
लिथियम आयन (ली-आयन) बैटरी उसके हाइ एनर्जी डेंसिटी के कारण हल्के होते है और वे हाइ वोल्टेज में काम करने में सक्षम होते है|
17) CyanogenMod:
सायानोजेनमोड स्मार्टफोन के लिए फ्री, ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर आधारित है और यह आपके डिवाइस की क्षमताओं का विस्तार करता है|
THANK YOU
वंदेमातरम्
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